संध्या प्रशिक्षण शिविर - बीकानेर का सफल आयोजन
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दिनांक 05 जून से 14 जून 2025 तक सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं अधिकाधिक शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के बंधुओ को ब्राह्मणोचित कर्म करवाने के उद्देश्य से शाकद्वीपीय ब्राह्मण वेद पाठी संघ द्वारा आयोजित संध्या प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ स्थानीय शिव शक्ति सदन, डागा चौक में हुआ। वेद पाठी संघ के विकास भोजक ने बताया की शिविर का शुभारंभ पंडित मांगीलाल भोजक, पंडित गिरधर पंडित शर्मा, आर के शर्मा एवं महेश भोजक द्वारा भगवान भास्कर के आगे दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर पंडित मांगीलाल भोजक ने उपस्थितों को संबोधित करते हुए बताया कि ब्राह्मण कुल में जन्मे व्यक्तियों को संध्या करना क्यों आवश्यक है। उन्होने आह्वान किया की सभी इसे अपने नित्यकर्म में शामिल करते संध्या पूजन अवश्य करें।
इस अवसर पर महेश भोजक ने कहा कि इस पाश्चात्य युग में लोग सनातन संस्कृति से दूर हो कर पश्चिमी संस्कृति अपना रहें है जबकि पश्चिमी सभ्यता के लोग भी सनातन धर्म को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए इससे आकर्षित हो रहे है। इस अवसर पर आर के शर्मा ने कहा कि संध्या वन्दन के माध्यम से मन को आध्यात्मिक शांति एवं शारीरिक स्वस्थता का लाभ होता है। गिरधर पंडित शर्मा ने बताया की जैसे हमारे लिए शौच, दन्तधावन और स्नान अनिवार्य है वैसे ही ब्राह्मण कुल में जन्मे लोगो के लिए संध्या वन्दन एवं गायत्री मंत्र का जाप अनिवार्य है।
शिविर के समापन के अवसर पर पार्थिव शिवलिंगों का पूजन अभिषेक गिरधर पंडित और पवन भोजक द्धारा कराया गया।शिविर में पं मांगीलाल भोजक ने संध्या गायत्री का महत्व बताते हुए कहा कि “महाजनो येन गतः सः पन्थाः” अर्थात हमें महान लोगों के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। यह हमें सत्य और सही दिशा में ले जाता है और हमें जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करता है। शिविर के दौरान भोजक ने आचमन, प्राणायाम, गायत्री जप, अशौच (सूतक) इत्यादि के नियम बताये। गिरधर पंडित शर्मा ने संध्या के मंत्रों और पुरुष सूक्त का अभ्यास कराया। विकास सेवग द्वारा संध्या की हस्त क्रियाएं और मुद्राएं सिखाई गई। आर के शर्मा ने बताया कि 5 जून से प्रारंभ हुए दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 30 वेद पाठियों ने भाग लिया।
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