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Surya Dev

 
 

शाकद्वीपीय एकता को सुदृढ़ करने हेतु "भात पर गोतिया" का सफल आयोजन


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        दिनांक 24 अगस्त 2025 को पटना स्थित बाबू जगजीवन राम शोध संस्थान में शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज द्वारा पारंपरिक और सामाजिक एकता को सुदृढ़ करने वाले "भात पर गोतिया" कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह आयोजन समाजिक समरसता, पारिवारिक एकजुटता एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में शाकद्वीपीये ब्राह्मण बंधु सपरिवार उपस्थित हुए। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ जनों, बुद्धिजीवियों, युवाओं और महिला मंडलों की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।

मुख्य कार्यक्रम संयोजक ब्रजेश मिश्रा उरवार ने बताया कि भात पर गोतिया कार्यक्रम में उपस्थित होकर सभी परिवार यह तय हुआ कि आगामी 2026 में शाकद्वीपीय परिवार महाकुंभ का आयोजन गाँधी मैदान में है। उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दल जो हमारे समाज की उपेक्षा कर रहा है जो बर्दाश्त के बाहर है। अभी बिहार में विभिन्न अयोगो का गठन हुआ परंतु हमारे किसी भी समाज के सदस्यों को उनमें जगह स्थान नहीं मिला, इससे समाज में घोर आक्रोश व्याप्त हैं।

युवा संयोजक सह कार्यक्रम प्रभारी सौरभ मिश्रा ने बताया की अब समाज के युवा पीढ़ी नई क्रांति की ओर बढ़ रहे है। जो दल हमें राजनीतिक भागीदारी में सम्मिलित करेगा हमारा समाज उसी के साथ मजबूती के साथ खड़ा रहेगा। अब किसी दल के बैनर तले रहना स्वीकार नहीं हैं। समाज को शिक्षित एवं सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

मुख्य वक्ताओं ने भात पर गोतिया की परंपरा को समाज में भाईचारे, आपसी सौहार्द और पहचान के माध्यम के रूप में वर्णित किया। उन्होंने इस परंपरा को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने और समाज को संगठित रखने के लिए ऐसे आयोजनों की निरंतरता पर बल दियाl

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण:- शुरुआत ध्वजारोहण करते हुए भगवान भास्कर का स्तुति कर वेद युक्त मंत्रो द्वारा मंत्रोंचारण होने के पश्चात द्विप पप्रज्वलित किया गयाl
पारंपरिक भोज, जिसमें समाज की सांस्कृतिक रसोई की विविधता देखने को मिलीl
गोत्र मिलन परिचय सत्र, जिसमें नई पीढ़ी को अपने वंश, गोत्र व परंपरा की जानकारी दी गईl
संस्कृतिक प्रस्तुति, जिसमें समाज के युवाओं ने पारंपरिक गीतों और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से समरसता का संदेश दियाl

कार्यक्रम के संयोजकगणों ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि "भात पर गोतिया" जैसे आयोजनों से समाज के भीतर आपसी संवाद, आत्मीयता और सांस्कृतिक चेतना को नया आयाम मिलता है। अंत में समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने इस आयोजन को वार्षिक रूप से आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की तथा भविष्य में इसे और व्यापक स्तर पर आयोजित करने की योजना की घोषणा कीl

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